स्टॉक मार्केट में दो अच्छी बाते होती है पहला सपोर्ट एवम दूसरा रेजिस्टेंस और मार्केट की चाल इन्ही सपोर्ट एवम रेजिस्टेंस के बीच में ऊपर एवम नीचे की तरफ ट्रैवल करता रहता है एवम जैसे जैसे मार्केट में ट्रेडर्स द्वारा ट्रेड लिया जाता है वैसे वैसे इस सपोर्ट एवम रेजिस्टेंस में बदलाव होता रहता है।
मार्केट में अधिकतर ट्रेडर्स द्वारा चार्ट को देखकर मार्केट के ऊपर और नीचे जाने का अंदाजा लगाया जाता है ।
परंतु हम मार्केट के भविष्य में होने वाले उतार एवम चढ़ाव को चार्ट पर नही देखते बल्कि हम nse द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑप्शन चैन पर उसके डाटा को देखकर पता लगाते है की किसी स्टॉक अथवा इंडेक्स में सपोर्ट एवम रेजिस्टेंस कहां पर बन रहा है ताकि पता कर सके की कोई स्टॉक अथवा इंडेक्स की चाल आने वाले समय में ऊपर तरफ होगी अथवा नीचे तरफ।
मार्केट के ऊपर एवं नीचे चलने के कुछ नियम होते है जिनके आधार पर कोई स्टॉक अथवा इंडेक्स ऊपर एवं नीचे तरफ चलता है आइए इन नियमों को समझते है |..
मार्केट मे तो महत्वपूर्ण चीज होते है पहला सपोर्ट एवं दूसरा रीज़िस्टन्स कहलाता है मार्केट हमेशा इन्ही दो के बीच मे ट्रैवल करता रहता है |यदि इस सपोर्ट एवं रीज़िस्टन्स को हम अच्छे से अध्ययन कर ले अछे से अभ्यास करके समझ ले तब मार्केट की चाल को समझने मे आसानी होती है एवं उसके आधार पर हम profitable ट्रैड ले सकते है |
आइए समझते है की मार्केट कैसे चलता है |
सबसे पहले हमे गूगल पर सर्च करेंगे एनएसई ऑप्शन चैन|
जो पहली साइट आती है उसपर क्लिक करके NSE का ऑप्शन CHAIN खोल लेंगे और उसे डेस्कटॉप साइट कर लेंगे यदे मोबाईल मे खोलते है तब |
यहीं पर हम सपोर्ट एवं रीज़िस्टन्स का निर्धारण करेंगे ताकि मार्केट के MOVEMENT को समझ सके |
सपोर्ट एवं रीज़िस्टन्स ही इस ऑप्शन chain की जान है |
इस NSE ऑप्शन CHAIN देखने पर यह चार भागों मे दिखता है |
इन चार भागों के बीचों बीच मार्केट प्राइस जहाँ चल रहा होता है वहाँ पर लेफ्ट साइड से स्टार्ट करते हुए राइट साइड के अंत तक एक लाइन अपने दिमाग मे इमेज करेंगे और उस लाइन को प्रतिक्षण मानते रहँगे की मार्केट यही चल रहा है |
उसके बाद इस ऑप्शन चैन ऊपर साइड देखेंगे तब हमे काल साइड DATA दिखेगा एवं PUT साइड दाता दिखेगा उसेके बाद
काल साइड मे सबसे ज्यादा जहाँ पर सबसे ज्यादा ओपन इन्टरिस्ट होगा वही रीज़िस्टन्स कहलाएगा एवं PUT साइड मे जहाँ पर सबसे ज्यादा ओपन इन्टरिस्ट होगा वही पर सपोर्ट कहलाएगा | मार्केट अन्य नियमों के साथ इसी सपोर्ट एवं रीज़िस्टन्स के बीच मे चलता रहता है |
यदि मार्केट अपने सपोर्ट के पास आता है तब हम CALL बाइ करते है और जब मार्केट अपने रीज़िस्टन्स के पास पहुँच जाता है तब हम वहाँ से हम PUT BUY करते है |
Comments
Post a Comment