अधिकतर स्टॉक मार्केट अथवा शेयर मार्केट की बात आते ही हमारे मन मे यह बात आती है की आखिर शेयर मार्केट अथवा स्टॉक मार्केट होता है और यहाँ पर कैसे कार्य कर सकते है आज हम बहुत ही सरल भाषा मे समझेंगे की शेयर मार्केट क्या होता है । बहुत ही कम कार्यवाही करके हम ट्रैडिंग अर्थात dmat अकाउंट खोल सकते है जिसमे बहुत ही कम धनराशि की जरूरत पड़ती है |
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जिस प्रकार से हम किसी मार्केट अथवा बाजार मे जाकर अपनी आवश्यकता का समान उस बाजार से खरीदते है उसी प्रकार ऐसा समझिए की यदि किसी कंपनी मे का शेयर हमे खरीदना है तब हम नैशनल स्टॉक एक्सचेंज अथवा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से उस कंपनी का शेयर खरीद सकते है ऐसा समझे की नैशनल स्टॉक एक्सचेंज अथवा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एक प्रकार का बाजार है जहाँ पर कम्पनियों के शेयर अथवा स्टॉक खरीदने अथवा बेचने का कार्य किया जाता है |और जिस प्रकार सामान्य बाजार मे यदि दुकान खोलनी है तो हमे दुकान का पंजीयन इत्यादि करवाने की आवश्यकता पड़ती है उसी प्रकार से यदि हमे शेयर मार्केट मे शेयर अथवा स्टॉक की खरीददारी अथवा बिकवाली करनी है तो उससे संबंधित कारवाही पहले पूर्ण करनी पड़ती है जिसका पहला कदम होता की हम किसी registered ब्रोकर के यहाँ अपना dmate अकाउंट खोलना पड़ता है उसके बाद ही हम स्टॉक मार्केट मे शेयर की खरीददारी एवं उसकी बिकवाली का कार्य कर सकते है |शेयर मार्केट की इन कार्यवाही को कर लेने के पश्चात हम स्टॉक मार्केट से शेयर खरीद एवं बेंच सकते है | जिसे हम सामान्य भाषा मे ट्रैडिंग कहते है |
आज के समय में हर कोई अतिरिक्त आय के बारे में सोचता रहता है और अतिरिक्त कमाई के लिए वह अपने बचे हुए समय में अपने घर पर या कहीं से भी अपने मोबाइल, लैपटॉप से एक्स्ट्रा कमाई करता है। बाज़ार में कम समय के अन्दर मुनाफा कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग करते है और यह Trading कई तरह की चीजों पर की जाती है, मुख्य रूप से ट्रेडिंग में लोग सबसे ज्यादा शेयर पर ट्रेडिंग करते है और स्टॉक पर ट्रेडिंग करके एक ही दिन में लाखों और हजारों रूपये कमा लेते हैं। मोबाइल में उपलब्ध ऐसे App जिनके द्वारा आप शेयर बाजार में Invest कर सकते हैं उसे Trading App कहते हैं। आप लोग भी अक्सर ट्रेडिंग से ढेर सारे पैसे कमाने के बारे में सुनते रहते होंगे और आपने भी ट्रेडिंग शब्द जरूर सुना होगा। आखिर क्या है Trading का मतलब और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? यदि आप भी ट्रेडिंग के द्वारा हजारों या लाखों रूपये कमाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ट्रेडिंग को अच्छे से समझना होगा तो आइये जानते हैं Trading ट्रेडिंग क्या है और Trading कितने प्रकार की होती है?
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वास्तव मे अपने देश मे स्टॉक मे कई प्रकार से ट्रैडिंग करके लोगों द्वारा पैसा बनाया जा सकता है जैसे
1. intraday ट्रैडिंग
2. स्विंग ट्रैडिंग
3. positional ट्रैडिंग
4. फ्यूचर & ऑप्शन ट्रैडिंग
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शेयर मार्केट के खुलने से उसके बंद होने के पहले शेयर को खरीद कर बेचने को Intraday Trading कहते हैं। इसमें ट्रेडर 9:15 AM से 3:30 PM के बीच शेयर को खरीदना और बेचना होता है और उसे एक ही दिन में शेयर पर ट्रेडिंग करने पर मुनाफा मिलता है। इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग की जाती है। यानि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग कुछ दिन और हफ़्तों के लिए की जाती है और इसमें भी शेयर को खरीदना और बेचना का काम शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने के बीच ही किया जाता है। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है और यह उन लोगों के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं जैसे जॉब करने वाले लोग, स्टूडेंट्स आदि। इसमें ट्रेडर्स शेयर मार्केट में कम दाम पर शेयर खरीद लेते है और फिर उन्हें hold करके रख लेते हैं और जब बाद में जब कुछ दिन या हफ्ते में उनके शेयर की price ज्यादा हो जाती है तो तब उन्हें बेच कर मुनाफा कमा लेते हैं। मतलब इसमें traders एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं।
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Positional Trading बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है। Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए अपने dmat अकाउंट मे रखे जाते हैं। यह Trading long term है। Positional ट्रेडिंग में शेयर्स को लम्बे समय तक अपने dmat अकाउंट रखा झटा है इसके अंदर किसी शेयर को कुछ महीनों से लेकर 1 साल तक खरीदकर रखा जाता है और फिर उस Share को बेच कर Profit कमाया जाता है। शेयर बाजार के रोजाना के ऊपर नीचे होने का इन पर ज्यादा असर नहीं होता है।
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Options Trading: निश्चित ही ऑप्शंस ट्रेडिंग एक जोखिम का सौदा है. हालांकि, अगर आप बाजार के बारे में जानकारी रखते हैं और कुछ खास रणनीति बनाकर चलते हैं तो इससे मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.
क्या है ऑप्शंस ट्रेडिंग?
Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और put ऑप्शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्शंस खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्शंस में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्तेमाल किया जाता है स्ट्राइक रेट . यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्स को भविष्य में जाता हुआ देखते हैं.
ऑप्शंस की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है, ज्यादातर एक महीने की, इसलिए व्यक्ति को किसी भी समय पूरी राशि का उपयोग नहीं करना चाहिए. किसी विशेष व्यापार के लिए कुल पूंजी का लगभग 5-10% आवंटित करना उचित होगा.
ऑप्शन ट्रेड का मूल्यांकन करें: एक सामान्य नियम के रूप में, ऑप्शन traders को यह तय करना चाहिए कि वे कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं यानी एक एग्जिट स्ट्रेटजी होनी चाहिए. व्यक्ति को अपसाइड एग्जिट पॉइंट और डाउनसाइड एग्जिट पॉइंट को पहले से चुनना होगा. एक योजना के साथ कारोबार करने से व्यापार के अधिक सफल पैटर्न स्थापित करने में मदद मिलती है और आपकी चिंताओं को अधिक नियंत्रण में रखता है|
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