प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि होने पर प्राकृतिक उपचार...
वैसे तो हमें प्रकृति द्वारा भी एक वरदान मिला है और वो है "काशीफल", जिसे हम आम भाषा में "कद्दू" भी कहते है। इसके बीज इस बीमारी में बेहद ही लाभदायक है।
काशीफल के कच्चे बीज (Raw seeds) हर दिन अपने खाने में इस्तेमाल किया जाए तो काफी हद तक यह प्रोस्टेट की समस्या से बचाव करने में मददगार होता है।
इन बीजों में ऐसे 'प्लांट केमिकल' मौजूद होते हैं जो शरीर में जाकर टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) कोडिहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (Dihydrostosterone) में बदलने से बचाता है जिससे प्रोस्टेट कोशिकाएं (Prostate cells) नहीं बन पातीं है।
काशीफल के बीज में काफी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं- जैसे आयरन, फॉस्फोरस, टि्रप्टोफैन, कॉपर, मैग्नेशियम, मैग्नीज, विटामिन-के, प्रोटीन, जरूरी फैटी एसिड और फाइटोस्टेरोल।
ये बीज जिंक के बेहतरीन स्रोतों में से एक माने जाते हैं।
- हर दिन 60 मिलीग्राम जिंक का सेवन प्रोस्टेट से जूझ रहे मरीजों में बेहद फायदा पहुंचाता है और उनके स्वास्थ्य में भी सुधार करता है।
इन बीजों में बीटा-स्टीस्टोस्टेरॉल भी होता है जो टेस्टोस्टेरोन को डिहाइड्रोटेस्टेरोन में बदलने नहीं देता, जिससे इस ग्रंथि के बढ़ने की संभावना न के बराबर हो जाती है।
आप काशीफल के बीज कच्चा या भून कर या फिर दूसरे बीजों के साथ मिलाकर खा सकते हैं।
आप इसे अपने हर दिन के खाने में शामिल कर सकते है तथा इसे सलाद में मिलाकर भी खाया जा सकता है।
टमाटर
टमाटर भी प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि को रोकने के लिए उपयोगी होते हैं। टमाटर में उपलब्ध 'लाइकोपीन' जो एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है और प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार में वृद्धि को रोकने में मदद करता है।
एक और प्राक्रतिक उपाय है अदरक..
इसे भी आप प्रोस्टेट ग्रंथि के सामान्य काम करने की स्थिति के लिए आहार में शामिल कर सकते है।
अपने दैनिक आहार में अजवायन भी शामिल कर सकते है।
प्रोस्टेट ग्रंथि से पीड़ित मरीज को बारी बारी ठन्डे और गर्म पानी का स्नान भी लाभदायक है। बढे हुए प्रोस्टेट ग्रंथि से पीड़ित को गर्म और ठंडे स्नान में आधे घंटे के लिए हर रोज बैठना चाहिए।
गाजर का रस
गाजर का रस भी बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षण को रोकने में उपयोगी है। इसे आप बराबर मात्रा में गाजर का रस और पालक का रस मिश्रण बढ़े हुए प्रोस्टेट की अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
यह एक स्वस्थ पेय है और प्रोस्टेट ग्रंथि के सामान्य कामकाज में मदद करता है।
बचाव के लिये और क्या क्या करे.?
जो लोग जो प्रोस्टेट ग्रंथि से पीड़ित है तथा बहुत शराब या कैफीन का सेवन करते है उनको इससे बिलकुल ही दूर रहना चाहिए। बहुत पानी पीकर भी सोने से पहले बचे।
हलके व्यायाम या सुबह की सैर के लिए फिट और स्वस्थ रहने के लिए मदद करता है।
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