जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लगभग 59 लाख टन लिथियम मेटल का भंडार मिला है| देश में पहली बार लीथियम का भंडार मिला है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी है ऐसा पहली बार है जब देश में इतनी बड़ी तादाद में लीथियम मेटल का भंडार मिला है. भारत लीथियम मेटल समेत प्रमुख मिनरल की सप्लाई चेन को मजबूत करने की कोशिश में लगा हुआ है. दरअसल एलेक्ट्रॉनिक व्हीकल और मोबाइल फोन की बैटरी तैयार करने में लीथियम मेटल का प्रयोग होता है. लीथियम की मांग को पूरी करने के लिए अभी तक भारत दूसरे देशों में पर निर्भर रहा है लेकिन अनुमान है कि लीथियम भंडार मिलने से देश को मदद मिलेगी और देश अब इस दिशा में आत्मनिर्भर हो सकेगा.
लीथियम मेटल का भंडार देश के जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में मिला है. जीएसआई ने अपने बयान में बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Northern Union Territory of Jammu and Kashmir) के रियासी जिले में लगभट 59 लाख टन लीथियम मेटल का भंडार मिला है. देश में लीथियम का भंडार मिलने से इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर और मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलने का अनुमान है. लीथियम मेटल की रेगुलर सप्लाई बनाए रखने से इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण कार्य के लिए प्लान्स बनाने में मदद मिलेगी |
इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे डिवाइस की बैटरी तैयार करने में लीथियम मेटल का इस्तेमाल किया जाता है. अब तक भारत देश में बैटरी बनाने के लिए चीन, ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटिना जैसे देशों से लीथियम का आयात करता रहा है. लेकिन जम्मू कश्मीर में लीथियम भंडार मिलने से विदेशी देशों द्वारा इम्पोर्ट में गिरावट आने का अनुमान है. उम्मीद है कि अब भारत लीथियम की मांग को पूरा करने और इलेक्ट्रिक वाहनों व मोबाइल फोन की बैटरी तैयार करने के लिए के लिए जम्मू कश्मीर के लीथियम भंडार पर निर्भर रहेगा |
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