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Showing posts from March, 2023

ईश्वर प्रभू की कृपा

 आज ईश्वर प्रभू की कृपा से एक लेख लिख रहा हूँ आप सभी से विनम्र आग्रह है कि आप सभी इसे अंत तक ध्यान पूर्वं अवश्य ही पढ़े और अच्छा लगे तब अपने सगे संबंधियों मे शेयर भी करे एवं कमेन्ट भी करें तो आइए चलते है अपने लेख पर ..                ईश्वर प्रभु जब हमे कुछ देना चाहते है, कुछ समझाना चाहते हैं ,या कुछ सिखाना चाहते है ,हमसे अपना कुछ कार्य कराना चाहते है तब वह हमारी भयंकर परीक्षा लेते है जिसकी वजह से हमारा साहस टूटने लगता है मन चूर चूर होने लगता है प्रभु हमे ऐसे ऐसे गड्ढे में डालते है कि हम पूरी तरह से बिखरने पर आ जाते है परंतु हमे हारना नही है किसी भी परिस्थिति मे नहीं ,क्यों कि यह परीक्षा ईश्वर प्रभु की परीक्षा है तो हमे समझना ही होगा की यह बहुत ही कठिन परीक्षा तो होगी ही । क्यों कि ईश्वर प्रभु द्वारा इस ब्रम्हांड के अरबों लोगों में से परीक्षा हेतु हमको चुना गया है । वास्त्व में ईश्वर प्रभु हमे कुछ कार्य सौंपना चाहते है और वह कार्य हमे सौंपने से पहले हमे जांचना चाहते है कि क्या वह कार्य जो हम किसी को सौंपने जा रहे है उसको उसके आखिरी अंजाम तक  हम ले जा पाएंगे की नही ,पूर्ण कर पाएंगे की न

चमत्कारी मंत्र "ॐ नमः शिवाय"

                                                         "ॐ नमः शिवाय"                                                                     मंत्र                          श्री रुद्रम् चमकम् और रुद्राष्टाध्यायी में "नमः शिवाय" मंत्र देवनागरी लिपि  मे इस रूप में प्रकट हुआ है  ....................... ॐ नमः शिवाय सबसे लोकप्रिय हिन्दू मन्त्रों में से एक है और भगवान शिव का महत्वपूर्ण मन्त्र है। नमः शिवाय का अर्थ "भगवान शिव को नमस्कार" या "उस मंगलकारी को प्रणाम!" है। इसे शिव पञ्चाक्षर मन्त्र या पञ्चाक्षर मन्त्र भी कहा जाता है, जिसका अर्थ "पाँच-अक्षर का मन्त्र" (ॐ को छोड़ कर) है। यह भगवान शिव को समर्पित है। यह मन्त्र श्री रुद्रम् चमकम् और रुद्राष्टाध्यायी में "न", "मः", "शि", "वा" और "य" के रूप में प्रकट हुआ है। श्री रुद्रम् चमकम् का अंश है और रुद्राष्टाध्यायी, शुक्ल यजुर्वेद का भाग है। पञ्चाक्षर के रूप में 'नमः शिवाय' मंत्र का अध्ययन हम करेंगे ... 1.मन्त्र की उत्पत्ति 2.मन्त्र का विभिन्न