आज ईश्वर प्रभू की कृपा से एक लेख लिख रहा हूँ आप सभी से विनम्र आग्रह है कि आप सभी इसे अंत तक ध्यान पूर्वं अवश्य ही पढ़े और अच्छा लगे तब अपने सगे संबंधियों मे शेयर भी करे एवं कमेन्ट भी करें तो आइए चलते है अपने लेख पर .. ईश्वर प्रभु जब हमे कुछ देना चाहते है, कुछ समझाना चाहते हैं ,या कुछ सिखाना चाहते है ,हमसे अपना कुछ कार्य कराना चाहते है तब वह हमारी भयंकर परीक्षा लेते है जिसकी वजह से हमारा साहस टूटने लगता है मन चूर चूर होने लगता है प्रभु हमे ऐसे ऐसे गड्ढे में डालते है कि हम पूरी तरह से बिखरने पर आ जाते है परंतु हमे हारना नही है किसी भी परिस्थिति मे नहीं ,क्यों कि यह परीक्षा ईश्वर प्रभु की परीक्षा है तो हमे समझना ही होगा की यह बहुत ही कठिन परीक्षा तो होगी ही । क्यों कि ईश्वर प्रभु द्वारा इस ब्रम्हांड के अरबों लोगों में से परीक्षा हेतु हमको चुना गया है । वास्त्व में ईश्वर प्रभु हमे कुछ कार्य सौंपना चाहते है और वह कार्य हमे सौंपने से पहले हमे जांचना चाहते है कि क्या वह कार्य जो हम किसी को सौंपने जा रहे है उसको उसके आखिरी अंजाम तक हम ले जा पाएंगे की नही ,पूर्ण कर पाएंगे की न
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