Bulk Deal क्या है? Bulk deal तब होती है जब एक ही ट्रेडिंग दिन में 0.5% या उससे अधिक शेयर किसी एक निवेशक द्वारा खरीदे या बेचे जाते हैं। यह आमतौर पर बड़े संस्थागत निवेशकों या हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स द्वारा किया जाता है। प्रभाव: शेयर की मांग और आपूर्ति : बायिंग प्रेशर (खरीदारी का दबाव) : अगर bulk deal के दौरान बड़ी मात्रा में शेयर खरीदे जाते हैं, तो शेयर की मांग बढ़ जाती है। इससे शेयर का प्राइस बढ़ने की संभावना होती है। सेलिंग प्रेशर (बेचने का दबाव) : अगर bulk deal के दौरान बड़ी मात्रा में शेयर बेचे जाते हैं, तो शेयर की आपूर्ति बढ़ जाती है। इससे शेयर का प्राइस गिरने की संभावना होती है। मार्केट सेंटीमेंट : पॉजिटिव संकेत : यदि बड़ी मात्रा में शेयर खरीदे जा रहे हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि बड़े निवेशक कंपनी की भविष्य की संभावनाओं को सकारात्मक मानते हैं। इससे अन्य निवेशकों का भी विश्वास बढ़ सकता है, जिससे शेयर का प्राइस बढ़ सकता है। नेगेटिव संकेत : अगर बड़ी मात्रा में शेयर बेचे जा रहे हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि बड़े निवेशक कंपनी के भविष्य के बारे में चिंतित हैं। इससे अन्य निवेशकों क
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